Lekhika Ranchi

Add To collaction

संपूर्ण पंचतंत्र की कहानियाँ

संपूर्ण पंचतंत्र की कथाएं


मूर्ख मित्र-

किसी राजा के राजमहल में एक बन्दर सेवक के रुप में रहता था । वह राजा का बहुत विश्वास-पात्र और भक्त था । अन्तःपुर में भी वह बेरोक-टोक जा सकता था ।
एक दिन जब राजा सो रहा था और बन्दर पङखा झल रहा था तो बन्दर ने देखा, एक मक्खी बार-बार राजा की छाती पर बैठ जाती थी । पंखे से बार-बार हटाने पर भी वह मानती नहीं थी, उड़कर फिर वहीं बैठी जाती थी ।
बन्दर को क्रोध आ गया । उसने पंखा छोड़ कर हाथ में तलवार ले ली; और इस बार जब मक्खी राजा की छाती पर बैठी तो उसने पूरे बल से मक्खी पर तलवार का हाथ छोड़ दिया । मक्खी तो उड़ गई, किन्तु राजा की छाती तलवार की चोट से दो टुकडे़ हो गई । राजा मर गया ।
"मूर्ख मित्र की अपेक्षा विद्वान्‌ शत्रु ज्यादा अच्छा होता है।"

****
साभारः पंचतंत्र की कथाओं से संकलित।

   3
3 Comments

Hayati ansari

29-Nov-2021 09:38 AM

Nice

Reply

🤫

08-Nov-2021 10:23 AM

Good

Reply

Fiza Tanvi

05-Nov-2021 06:02 PM

Good

Reply